SSC GD Normalisation : एसएससी जीडी में नॉर्मलाइजेशन का फार्मूला जारी कर दिया गया है, जिसके अंतर्गत कई पारियों के नंबर कम किए जाएंगे और कई पारियों के नंबर बढ़ाए जाएंगे और यह एसएससी जीडी के अभ्यर्थियों के लिए बहुत बड़ी खबर है, हम आपको बताएंगे कि किन-किन पारियों के नंबर कम होंगे और किन पारियों के नंबर बढ़ाए जाएंगे व आपको बता दे की यह बदलाव आने वाले समय में एसएससी जीडी की स्तर को बेहतर बनाने में मदद करेगा।
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एसएससी जीडी के अंदर SSC GD Normalisation के बारे में स्पष्ट रूप से बताया गया है, एसएससी जीडी के नोटिफिकेशन को ओपन करने पर, पेज नंबर 13 के पेरा नंबर 4 में एसएससी जीडी नॉर्मलाइजेशन का जिक्र किया गया है व यहाँ बताया गया है कि नॉर्मलाइजेशन का फार्मूला लागू किया जाएगा, आपको बता दे की यह बदलाव आने वाले समय में एसएससी जीडी के छात्रों को तैयारी के लिए और अधिक अनुकूल बनाएगा।
SSC GD Normalisation
सबसे पहले, आइए हम आपको बताएं कि SSC GD Normalisation प्रक्रिया क्या है और नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया के तहत, परीक्षा का स्तर बराबर होता है जिसमें अलग-अलग पारीयों में परीक्षा आयोजित की जाती है ऐसे में, परीक्षाओं में शामिल होने वाले छात्र अक्सर यह शिकायत करते हैं कि उनके पारी में दूसरे पारी की अपेक्षा ज्यादा कठिन प्रश्न आए थे व इस तरह की प्रक्रिया का उद्देश्य होता है समान और न्यायसंगत मानकों को बनाए रखना, ताकि परीक्षा में सभी अभ्यर्थियों को बराबर मौका मिले।
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ऐसी परिस्थिति में, जहाँ एक पारी के उम्मीदवारों को आसान प्रश्नों से अधिक अंक मिलते हैं, और दूसरी पारी के अभ्यर्थियों को कम अंक मिलते हैं, इससे कई बार वह परीक्षा में क्वालीफाई भी नहीं कर पाते व इस अंकों की असामान्यता को रोकने के लिए, परीक्षाओं में SSC GD Normalisation की प्रक्रिया लागू की जाती है और इससे सभी अभ्यर्थियों को बराबर मौका मिलता है और परीक्षा के प्रत्येक पारी में उचित मानकों का पालन होता है।
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Shift Level | Increase in Scores |
Hard Shift | Increase by 10 – 15 points |
Medium Shift | Increase by 5 – 10 points |
Low Shift | Increase by 0 – 5 points |
SSC GD Normalisation में क्या अंक कम किये जायेगे?
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- अब चर्चा करते हैं कि किन पालियों के अंक कम किए जाएंगे और किन पालियों के अंक बढ़ाए जाएंगे।
- यहां हम आपको स्पष्टता से बताएंगे कि जिन पालियों में कठिन प्रश्न होते हैं, उन पालियों के अंक बढ़ाए जाते हैं, और जिन पालियों में सरल प्रश्न होते हैं, उन पालियों के अंक कम किए जाते हैं, ताकि सभी को समान अवसर मिल सके।
- जब आप अपना पेपर देंगे, तो आप स्वयं तय कर सकेंगे कि आपका पेपर कैसा था।
- यदि आपका पेपर सरल था, तो आपके अंक कम किए जाएंगे, और यदि आपका पेपर कठिन था, तो आपके अंक बढ़ाए जाएंगे।
निष्कर्ष :
आपके परीक्षा के नतीजे पर प्रभाव डालने के लिए नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया का उपयोग किया जाएगा, ताकि सभी छात्रों को समान मौके मिलें और कठिन पेपरों वाले पारियों में अंक बढ़ाए जाएंगे, जबकि सरल पेपरों वाले पारियों में अंक कम किए जाएंगे व आपका पेपर कैसा था, यह आपके अंकों पर निर्भर करेगा।
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